हाथरस कांड वाले भोले बाबा पर एक्शन, जल्द ही फर्जी संत घोषित करेगा अखाड़ा परिषद

प्रयागराज/उत्तर प्रदेश। हाथरस में भगदड़ की घटना के बाद सुर्खियों में आए नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। भोले बाबा को लेकर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का बड़ा फैसला करेगा। लोगों से भोले बाबा जैसे फर्जी संतों से आगाह रहने की अपील की जाएगी। अखाड़ा परिषद जुलाई के तीसरे हफ्ते में प्रयागराज में बैठक करेगा। इस बैठक में भोले बाबा समेत संत और भगवान होने का दावा करने वाले कई भगवाधारियों और कथावाचकों को फर्जी बाबा घोषित किया जाएगा।
प्रयागराज में कुंभ मेला प्रशासन के साथ अखाड़ा परिषद की बैठक 18 जुलाई को प्रस्तावित है। इस बैठक से थोड़ा पहले या बाद प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की बैठक होगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक कुंभ मेला प्रशासन के साथ होने वाली बैठक में भी नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा जैसे फर्जी संतो के मुद्दे को जोर- शोर से उठाया जाएगा।
मेला प्राधिकरण से अनुरोध किया जाएगा कि खुद के भगवान होने का दावा करने वाले भोले बाबा जैसे फर्जी बाबाओं को महाकुंभ में जमीन व दूसरी सरकारी सुविधाएं न दी जाएं। मेला प्राधिकरण को ऐसे स्वयंभू भगवानों की लिस्ट भी दी जाएगी।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने निजी चैनल से फोन पर हुई बातचीत में दावा किया है कि भोले बाबा कोई संत नहीं है। वह खुद के ब्रह्मा और विष्णु के अवतार होने का दावा करता है, महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक हम सब मनुष्य हैं भगवान नहीं है। हम सब भगवान के अनुयायी हैं, जो भी बाबा या कथा वाचक खुद के अवतारी होने या चमत्कार दिखाने का दावा करता है, वह सभी फर्जी संत हैं और उनका धर्म आध्यात्मिक से कोई लेना-देना नहीं है।
महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक, अखाड़ा परिषद अब खुद ही भोले बाबा जैसे पाखंडियों का पर्दाफाश करेगा और लोगों को ऐसे फर्जी बाबाओं से दूर रहने को कहेगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि हाथरस में भगदड़ की घटना से पूरा संत समाज दुखी और मर्माहत है। ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो, इसके लिए कथावाचकों आयोजकों और प्रशासन को सतर्क रहना होगा।

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