अगर आप उबर के ड्राइवर हैं, तो हो जाइए सावधान नहीं तो कंपनी कर देगी ब्लॉक

उबर इंडिया जैसी कंपनी ने भारत में रोजगार बढ़ाने और उसको स्थायित्व प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बात में कोई दोराय नहीं है की ड्राइवर जैसे अनस्टेबल जॉब को अगर किसी कंपनी ने स्टेबल किया है तो वह उबर और ओला जैसी कंपनी ही हैं। सच बात तो यह है कि जब तक ओला और उबर जैसी कम्पनियाँ मार्केट में नहीं थी, तब तक ड्राइवरी के पेशे को लोग दोयम दर्जे का समझते थे, लेकिन जैसे ही एप्लीकेशन द्वारा ड्राइवर की बुकिंग होने लगी वैसे-वैसे इस प्रोफेशन में पढ़े लिखे लोग भी आने लगे।
इसके पीछे कोई छिपा हुआ कारण नहीं है बल्कि सिर्फ यही कारण है कि इसमें कमाई ठीक-ठाक तक हो जा रही है। हालांकि कई ड्राइवर द्वारा कस्टमर के प्राइवेट पर्सनल नंबर मांगे जाने के कारण कंपनी की पॉलिसी को झटका लग रहा था और ऐसी स्थिति में कंपनी अपनी पॉलिसी में बदलाव करने के प्रति अलर्ट हो गई है।
समझना आसान है कि जब कंपनी का बिजनेस ड्राइवर और कस्टमर के बीच का हो और ऐसी स्थिति में दोनों के इंटरेक्शन से सेफ्टी और प्राइवेसी का रिस्क आम बात है, ऐसी अवस्था में इस रिस्क को मिनिमाइज करने की जिम्मेदारी कंपनी को निभानी ही थी। ऐसे में अगर ड्राइवर और कस्टमर के बीच हुई चैट में अगर पर्सनल फोन नंबर दिखाता है तो वैसे में ड्राइवर को कंपनी द्वारा ब्लॉक किया जा सकता है।
कंपनी द्वारा एक स्टेटमेंट में यह कहा गया है कि प्राइवेट डिटेल शेयर करना निश्चित रूप से कस्टमर के हितों के खिलाफ है और यह किसी भी अवस्था में कंपनी द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता। अगर कंपनी किसी भी स्टेज में यह पाती है कि प्राइवेट नंबर आपस में शेयर किया गया है तो वह प्रोएक्टिवली कस्टमर को पहले नोटिफिकेशन भेजेगा इसके साथ-साथ यात्रा समाप्त होने के बाद कस्टमर के एड्रेस को भी मास्क किया जा सकेगा ताकि किसी भी अवस्था में प्राइवेसी और सुरक्षा से खिलवाड़ ना हो सके। इसका कारण सिर्फ यही है कि राइडर और ड्राइवर दोनों के प्रति कंपनी सजग है।

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